Wednesday, February 15, 2023

मैं अपने भीतर

 


 जब उसने कुछ सुनाने को कहा

 मैंने कहा 

 

मैं अपने भीतर ख़ज़ाना लिए चल रही हूँ ।

 शब्द से शब्द टकरा रहें हैं घुँघरुओं से

 बाहर के शोर में संगीत लिए चल रही हूँ ।

 

 कंधों पर दूसरों की आशाओं का बस्ता 

 दिल में अपनो की यादों का गुलदस्ता 

 माथे पर अधूरे बड़े सपनों की शिकन 

 मन में निराधार डर लिए चल रही हूँ ।


जिम्मेदारी और सपनों के मलवे में दबी हुई

सहीं और ग़लत की कश्मकश में डूबी हुई

अपनी डायरी के पन्नों में आस टटोलतीं हुई

अपने अंदर कविताओं का समुद्र लिए चल रही हूँ ।


पंखों को बंद करे, चोंच में रोज़गार का दाना लिए

अज्ञान अपने उद्देश्य से, घोंसले में बैठीं सी

मैं अपने भीतर नीला आकाश लिए चल रही हूँ ।


©️प्रिया जैंन



Tuesday, February 14, 2023

A Date with myself

 Long blue chikankari kurti

almost touching my feet

Looking in the mirror dirty

carried by a man in the street 

I looked at myself differently 

I have been searching for it

I fell in love almost instantly 

after getting back my lost spirit


 And that’s when I decided

to take myself on a date 

to become totally candid

I ordered Hot chocolate 

In this moment of leisure,

I hold my ceramic cup tight

with the perfect ardor

kiss it with my lips tonight


Life is full of tribulations 

Stolen moments from life’s jargon

moments of little celebrations

amplify a perfect paragon

Will dance, while the music play

then revel in the beautiful memoirs

enjoy my date with myself today

Until the sky above fill up with stars

 

©️Priya Jain