तू गुजरता है हवाई जहाज सा
दिल की खिड़कियां खड़ खड़ाती हैं
तू बीतता है सूनी लंबी रातों सा
तुझे सोचूं तो तारें टीम टिमटे हैं
तू आता है ठंडी हवा के झोंके सा
मैं और मेरा आंचल सर सराता है
तू गुजरता है हवाई जहाज सा
दिल की खिड़कियां खड़ खड़ाती हैं
तू लंबे सफर का साथी सा
रेडियो की तरह गुन गुनाता है
तू है सूरज की पहली किरण सा
हर दिन नई उम्मीद जगमगाता है
तू गुजरता है हवाई जहाज सा
दिल की खिड़कियां खड़ खड़ाती हैं
तू पहली बारिश की बूंदों सा
फसलें तेरा नाम बुदबुदाती हैं
तू मिला है बड़ी शिद्दतों से
चलो फिर मुहब्बत आजमाते हैं
तू गुजरता है हवाई जहाज सा
दिल की खिड़कियां खड़ खड़ाती हैं
© प्रिया जैन
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