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Wednesday, August 14, 2024

**मेरी पहचान**

एक पल में समंदर की तरह गहरा, 

दूसरे पल में एक बूंद की तरह हल्का, 

मैं हूं अपनी कहानी का खुद लिखा किरदार, 

ना कोई मुझसा था, ना होगा ये संसार।


जमीन पर बिखरे पत्तों की तरह, 

हर शक्स अपनी जगह खोजता है, 

पर मैं तो वो रास्ता हूं जो सिर्फ एक ही है, 

मेरी मिसाल ना कल थी, ना आज है। 


आसमान से चुराई कुछ धूप, 

रात के अँधेरों से थोड़ी सी खामोशी, 

ये सब मेरे रंग हैं, मेरी पहचान , 

इस दिन से बाहर मैं अपनी ही मिसाल हूं। 


तो आज, चल उठ, मुस्कुरा जरा, 

अपनी छोटी सी दुनिया से एक झलक दिखला, 

तेरे जैसा और कोई नहीं, ये सच है, 

खुद से मिल, और इस दुनियादारी को बता।


©️प्रिया जैन

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